Thursday, June 1, 2023

 



पहलवान कैसे बने


कुश्ती में करियर कैसे बनाये ?

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कुश्ती को शुरु करने का नियम

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ग्रीको-रोमन प्रकार में कुश्ती

पहलवान इतने बड़े कैसे हो जाते हैं?

पहलवान नई मांसपेशियों के निर्माण के लिए शक्ति प्रशिक्षण और कैलोरी अधिशेष में खाने के माध्यम से मांसपेशियों को उत्तेजित करके मांसपेशियों को प्राप्त करते हैं।

पहलवानी का समय

सुबह उठते ही डेली रूटीन के काम करने के बाद उन्हें कसरत के लिए मैदान या अखाड़े में पहुंचना होता है। उसके बाद सुबह 10 बजे तक उन्हें व्यायाम और पहलवानी (Exercise and wrestling) की प्रैक्टिस करना होती है और यही क्रम शाम को फिर से शुरू होता है, जो देर रात तक चलता है। डिसिप्लीन उनकी लाइफ का पहला नियम होता है।

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बॉडी बिल्डिंग


पहलवानों जैसी बॉडी चाहते हैं, तो पहले जान लें उनकी लाइफस्टाइल


चंदगी राम “हिन्द केसरी” (Chandgi Ram "Hind Kesari")

दारा सिंह “रुस्तम-ए-हिंद” (Dara Singh "Rustom-e-Hind")

गामा पहलवान “रुस्तम-ए-ज़माना” (Gamma wrestler "Rustom-e-Zamana")

इनके नाम कौन नहीं जानता। ये वो लोग हैं, जिनसे भारत में पहलवानी की शुरुआत हुई थी और इन्होंने भारत में ही नहीं विश्व में पहलवानी का नाम रोशन किया।



लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके उस फौलादी शरीर के लिए कितना डेडीकेशन, सही खान-पान और मेहनत (Dedication, right food and hard work) लगी थी। अच्छा शरीर बनाने के लिए केवल कसरत और मेहनत ही काफी नहीं होती, बल्कि उन्हें उसके अलावा भी कई काम करने होते थे, तब जाकर उन्हें ऐसा मजबूत शरीर मिलता था।


आज भी कई पहलवान हैं, जो भारत के नाम को इंटरनेशनल लेवल पर लेकर गए हैं, जैसे…


योगेश्वर दत्त (Yogeshwar Dutt)

बजरंग पूनिया (Bajrang Poonia) 

आदि। पर क्या आपने कभी जानने की कोशिश की, आखिर पहलवानों जैसी बॉडी बनाने के लिए क्या करना होता है (What does it take to build a body like a wrestler) या फिर देसी अखाड़े में उनकी दिनचर्या और डाइट (Routine and diet in desi akhada) कैसी होती है या फिर उनकी लाइफस्टाइल कैसी होती है? शायद नहीं। 


कई लोग आज भी जिम जाने से बचते हैं और देसी तरीके से बॉडी बनाने या फिट रहने की बात करते हैं। इसके लिए उन्हें प्रॉपर जानकारी नहीं मिल पाती। इसके लिए वे इंटरनेट, यूट्यूबर हर जगह सर्च करते हैं लेकिन फिर भी आधी-अधूरी जानकारी मिल पाती है। अगर आप भी ये जानना चाह रहे हैं तो आज मैं आपको ये सब जानकारी दे रहा हूं, ताकि यदि आप भी पहलवानों की तरह शरीर बनाना चाहते हैं, तो उनके बारे में जान सकें। 


पहलवानी का समय

एनर्जी के लिए

पहलवानों जैसी बॉडी चाहते हैं, तो पहले जान लें उनकी लाइफस्टाइल

पहलवानों का खाना

पहलवानों का चुनाव

गुरु की बात रखते हैं सबसे ऊपर


चंदगी राम “हिन्द केसरी” (Chandgi Ram "Hind Kesari")

दारा सिंह “रुस्तम-ए-हिंद” (Dara Singh "Rustom-e-Hind")

गामा पहलवान “रुस्तम-ए-ज़माना” (Gamma wrestler "Rustom-e-Zamana")

इनके नाम कौन नहीं जानता। ये वो लोग हैं, जिनसे भारत में पहलवानी की शुरुआत हुई थी और इन्होंने भारत में ही नहीं विश्व में पहलवानी का नाम रोशन किया।


लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके उस फौलादी शरीर के लिए कितना डेडीकेशन, सही खान-पान और मेहनत (Dedication, right food and hard work) लगी थी। अच्छा शरीर बनाने के लिए केवल कसरत और मेहनत ही काफी नहीं होती, बल्कि उन्हें उसके अलावा भी कई काम करने होते थे, तब जाकर उन्हें ऐसा मजबूत शरीर मिलता था।


आज भी कई पहलवान हैं, जो भारत के नाम को इंटरनेशनल लेवल पर लेकर गए हैं, जैसे…

योगेश्वर दत्त (Yogeshwar Dutt)

बजरंग पूनिया (Bajrang Poonia) 

आदि। पर क्या आपने कभी जानने की कोशिश की, आखिर पहलवानों जैसी बॉडी बनाने के लिए क्या करना होता है (What does it take to build a body like a wrestler) या फिर देसी अखाड़े में उनकी दिनचर्या और डाइट (Routine and diet in desi akhada) कैसी होती है या फिर उनकी लाइफस्टाइल कैसी होती है? शायद नहीं।

कई लोग आज भी जिम जाने से बचते हैं और देसी तरीके से बॉडी बनाने या फिट रहने की बात करते हैं। इसके लिए उन्हें प्रॉपर जानकारी नहीं मिल पाती। इसके लिए वे इंटरनेट, यूट्यूबर हर जगह सर्च करते हैं लेकिन फिर भी आधी-अधूरी जानकारी मिल पाती है। अगर आप भी ये जानना चाह रहे हैं तो आज मैं आपको ये सब जानकारी दे रहा हूं, ताकि यदि आप भी पहलवानों की तरह शरीर बनाना चाहते हैं, तो उनके बारे में जान सकें। 


पहलवानी करने का सबसे बड़ा नियम है कि आपको जो काम जितने बजे करने के लिए दिया जाए, उस काम को उतने बजे ही करना है। पहलवानों की सुबह 4 या 4.30 पर हो जाती है, उन्हें देर तक सोने की अनुमति नहीं होती। सुबह उठते ही डेली रूटीन के काम करने के बाद उन्हें कसरत के लिए मैदान या अखाड़े में पहुंचना होता है।





आज के समय में तो लोग जिम जाने से पहले प्री-वर्कआउट ले लेते हैं और तुरंत एक्सरसाइज करने लगते हैं, लेकिन पहले के जमाने में ऐसा नहीं होता था। पहले पहलवानों को सुबह उठकर अपने शरीर पर तेल की मालिश करना होती थी, ताकि शरीर में गर्मी आ सके। 


उसके बाद उन्हें अखाड़े को खोदना होता था और फिर उसे वापस भरना होता था। इसके पीछे एक बहुत बड़ा कारण था। ऐसा करने से उनके शरीर में गर्मी आ जाती थी और उनका वार्म अप भी हो जाता था, जिससे उनके शरीर में स्फूर्ति पैदा हो जाती थी।


फिर उसके बाद उन्हें अखाड़े को फिर से पहले जैसा करना होता था, ताकि वो उस स्थिति में आ जाए कि पहलवानी करते समय चोट न लगे। 


3. पहलवानों का खाना


पहलवानों की डाइट काफी कठिन होती है, उन्हें शरीर में अंदर से मजबूती चाहिए होती है। वे एब्स या एथलेटिक बॉडी को नहीं बल्कि फौलादी और ठोस शरीर को ज्यादा महत्व देते हैं।


विश्व विजेता गामा पहलवान के बारे में कहा जाता है कि वे 6 किलो चिकन, 10 लीटर दूध और लगभग 100 रोटियां खा सकते थे। अब आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि पहलवानों को अपने भोजन में कितनी चीजें खानी पड़ती होंगी, जिनसे उनका शरीर मजबूत बने। 


बादाम, काजू, अंडे, दूध, घी, स्प्राउट्स, सलाद, केला, दही, पनीर, रोटी, दाल, चने, चिकन, मटन, सूप आदि चीजें पहलवानों की डाइट में शामिल होती हैं। सबसे ज्यादा उन्हें सुबह उठते से ही दूध, घी और बदाम को पीसकर पीना होता है, ताकि वे दिनभर एनर्जेटिक रह सकें। उनकी डाइट पहले तो काउंट नहीं की जाती थी, कि कितनी कैलोरी लेना है, लेकिन आज कल डाइट की कैलोरी काउंट करके खाते हैं। 


पहलवान बनने में कितने साल लगते हैं?

जब तक मेरे पास पेशेवर कुश्ती मैच नहीं हो जाता तब तक मैं कब तक प्रशिक्षण में रहूंगा? हर कोई अलग है, और कुछ दूसरे की तुलना में तेजी से प्रगति करते हैं। बुनियादी कुश्ती मैच के लिए बुनियादी कौशल होने में औसतन 3 महीने से लेकर एक साल तक का समय लगता है।



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